भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
इश्क़ की दास्तान है प्यारे / जिगर मुरादाबादी
Kavita Kosh से
हेमंत जोशी (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:27, 3 मई 2009 का अवतरण
इश्क़ की दास्तान है प्यारे
अपनी-अपनी ज़ुबान है प्यारे
हम ज़माने से इंतक़ाम तो लें
एक हसीं दर्मियान है प्यारे
तू नहीं मैं हूं मैं नहीं तू है
अब कुछ ऐसा गुमान है प्यारे
रख क़दम फूँक-फूँक कर नादान
ज़र्रे-ज़र्रे में जान है प्यारे