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तुमने कहा था-6 / प्रेमचन्द गांधी

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मेरे पास चंद सिक्के हैं
और तुम्हारे पास थोड़े से रुपये
क्यों न हम इस थोड़ी-सी पूंजी से एक सपना देखें
सपने के इस थियेटर में हम
अकेले ही तो नहीं होंगे ?