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तेरियै चित्र के काज हमै करि / तोष
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तेरियै चित्र के काज हमै करि तोष सबै ब्रजराज दये हैँ ।
पत्र बिचित्र बिचित्र बनाइ सिखाइ सबै बहु मोद मये हैँ ।
रँग बनावत अँग लगे सर ल्यावत लेखनी काज नये हैँ ।
एरी भटू ! बलि तेरे लिये हरि मेरे चितेरे के चेरे भये हैँ ।
तोष का यह दुर्लभ छन्द श्री राजुल महरोत्रा के संग्रह से उपलब्ध हुआ है।