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कान्हो काहेकूं मारो मोकूं कांकरी / मीराबाई

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कान्हो काहेकूं मारो मोकूं कांकरी। कांकरी कांकरी कांकरीरे॥ध्रु०॥
गायो भेसो तेरे अवि होई है। आगे रही घर बाकरीरे॥ कानो॥१॥
पाट पितांबर काना अबही पेहरत है। आगे न रही कारी घाबरीरे॥ का०॥२॥
मेडी मेहेलात तेरे अबी होई है। आगे न रही वर छापरीरे॥ का०॥३॥
मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। शरणे राखो तो करूं चाकरीरे॥ कान०॥४॥