रघुनाथ
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जन्म | |
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जन्म स्थान | |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
रीतिकाल के कवि | |
जीवन परिचय | |
रघुनाथ / परिचय |
- याहि मत जानौ है सहज कहै रघुनाथ / रघुनाथ
- मेघ जहाँ तहाँ दामिनी है अरु दीप जहाँ तहाँ जोति है भातेँ/ रघुनाथ
- लखो अपनी अँखियांन सोँ मैँ जमुना तट आजु अन्हात मे भोर / रघुनाथ
- ऐसे बने रघुनाथ कहै हरि काम कला छबि के निधि गारे / रघुनाथ
- गावत बाँदर बैठ्यो निकुञ्ज मेँ ताल समेत मैँ आंखिन पेखे / रघुनाथ
- बहु नायक हौ सब लायक हौ सब प्यारिन के रस को लहिये / रघुनाथ
- औधि आधी रात की दै आपनो बतायो गेह / रघुनाथ