गुलज़ार / परिचय
गुलज़ार ने जब फ़िल्मी दुनिया में अपना स्थान बनाना चाहा तो उन्हें मौक़ा मिला बिमल राय जैसे महान फ़िल्मकार के साथ काम करने का, जिनसे उन्होंने निर्देशन का काम भली तरह समझा। फिर कोमल, सफल और सार्थक गीत लिखे, उनका हाथ यहीं तक सीमित नहीं रहा, आपने कई फ़िल्मों के लिए कथाएँ, पटकथाएँ और संवाद भी लिखे। जब फ़िल्म निर्देशन में उतरे तो ऐसी संवेदनशील, मार्मिम और हृदयस्पर्शी फ़िल्मों का निर्माण किया जिन्होंने फ़िल्म जगत में एक आन्दोलन ला दिया कि फ़िल्में सिर्फ़ चटपटी नहीं सादे-साधारण लोगों के जीवन पर आधारित भी हो सकती हैं और फ़िल्म देखने वालों के दिल में अपना नाम दर्ज़ करा सकने में गुल्ज़ार सफल होते चले गये और बस सफलता उनके पंख बन गयी जो कभी कटे नहीं और आज भी आकाश में दूर तक उड़ने को सदा तत्पर हैं। कुछ फ़िल्मों के नाम हैं जो सदा याद की जाती है और याद रखी जायेंगी, मेरे अपने, अचानक, परिचय, आँधी, मौसम, ख़ुशबू, मीरा, किनारा, नमकीन, लेकिन, लिबास, माचिस, इत्यादि।
गुलज़ार ने फ़िल्म अभिनेत्री राखी से शादी की और उनकी एक बेटी है मेघना जो स्वयं एक सफल फिल्म निर्देशिका के पथ पर अग्रसर है।