आओ, जल भरे बर्तन में झाँकें साँस से पानी में डोल उठेंगी दोनों छायाएँ चौंककर हम अलग-अलग हो जाएंगे जैसे अब, तब भी मिलाएंगे आँखें, आओ पैठी हुई जल में चाया साथ-साथ भींगे झुके हुए ऊपर दिल की ध़अकन-सी काँपे करती हुई इंगित कभी हाँ के कभी ना के
आओ, जल भरे बर्तन में झाँकें।