भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
चिट्ठियाँ तारन्ता बाबू के नाम-11 / नाज़िम हिक़मत
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 01:21, 21 जुलाई 2009 का अवतरण
|
आज रात
इल ड्यूस ने
धूसर घोड़े पर सवार हो
भाषण दिया
पाँच सौ पायलटों के सामने ।
कल
वे उड़ेंगे अफ़्रीका की ओर
लेकिन वह ख़ुद
इस वक़्त खा रहा है मैकारोनी
अपने विशाल महल में
मैकारोनी=एक इतालवी पकवान
अंग्रेज़ी से अनुवाद : सोमदत्त