भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
सेनापति / परिचय
Kavita Kosh से
Pratishtha (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:51, 5 अगस्त 2009 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKRachnakaarParichay |रचनाकार=सेनापति }} अन्य प्राचीन कवियों की भाँति सेनापति ...)
अन्य प्राचीन कवियों की भाँति सेनापति के संबंध में भी बहुत कम जानकारी प्राप्त है। इतना ही ज्ञात है कि ये कान्यकुब्ज ब्राह्मण थे तथा इनके पिता का नाम गंगाधर था। इनके एक पद 'गंगा तीर वसति अनूप जिन पाई है के अनुसार ये बुलंदशहर जिले के अनूप शहर के माने जाते हैं। सेनापति के दो मुख्य ग्रंथ हैं- 'काव्य-कल्पद्रुम तथा 'कवित्त-रत्नाकर। इनके काव्य में भक्ति और शृंगार दोनों का मिश्रण है। इनका षट-ॠतु-वर्णन अत्यंत सुंदर बन पडा है, जिसकी उपमाएँ अनूठी हैं।