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नारायन अपने को आपुही बखान करि / नारायण स्वामी
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'नारायन' अपने को आपुही बखान करि,
मोते वह भिन्न नहीं या विधि पुकार लै॥
जौलौं तोहि नंद को कुमार नाहिं दृष्टि परयो,
तौ लौं तू भलै बैठि ब्रह्म को बिचारि लै॥