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यदि आत्मा हो / नंदकिशोर आचार्य

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यै आत्मा हो
क्यों है छू लेने की
कामना?

देह हो यदि
क्यों उसके पार जाने की
विकलता यह?

आत्मा विकलता है क्या
किसी में ख़ुद को पाकर
पार जाने की
-कभी जो पूरी होती नहीं!