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बोस्की के लिए / गुलज़ार

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कुछ ख़्वाबों के ख़त इन में , कुछ चाँद के आईने ,
                                    सूरज की शुआएँ हैं
नज़मों के लिफाफ़ों में कुछ मेरे तजुर्बे हैं,
                                  कुछ मेरी दुआएँ हैं
निकलोगे सफ़र पर जब यह साथ में रख लेना,
                                शायद कहीं काम आएँ