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तुम्हें तो बस / नंदकिशोर आचार्य
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मृत्यु से की होती
इतनी मैंने प्रार्थना
वह भी बख़्श देती मुझे-
तुम्हें तो, बस, मुझको
आवाज़ देनी है
मेरे जिलाने के लिए।