भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
ईश्वर तुम्हारी मदद चाहता है / विश्वनाथप्रसाद तिवारी
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:05, 20 अगस्त 2009 का अवतरण
बदल सकता है धरती का रंग
बदल सकता है चट्टानों का रूप
बदल सकती है नदियों की दिशा
बदल सकती है मौसम की गति
ईश्वर तुम्हारी मदद चाहता है
अकेले नहीं उठा सकता वह
इतना सारा बोझ।