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तालियाँ बजाने वाले / सुदर्शन वशिष्ठ

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ऐसे लोग भी हैं
जिन्होंने उम्र भर तालियाँ बजाईं।

समारोह सभाओं में
किसी की पहल पर
बजती हैं तालियाँ
वह पहला आदमी तो हकदार है
पहले पुरस्कार का।

बजती है तालियाँ
कुछ सराहने लायक हो या न हो
जहाँ बजानी हैं तालियाँ
यह शिक्षा स्कूल से ही शूरू हो जाती
रिज़ल्ट अस्सी प्रतिशत रहा.... तालियाँ
मैच हार गये....तालियाँ
टपक गया नई बिल्डिंग से पानी...... तालियाँ
नेताजी बोले
हमने अस्पताल बनाया.......तालियाँ
इस साल बहुत दुर्घटनाएँ हुईं...... तालियाँ
तेल सस्ता हुआ......तालियाँ
महँगाई बढ़ गई.... तालियाँ।

कुछ हैं जिन्होंने उम्र भर तालियाँ ही बजाईं
तालियाँ बजाने वाले
बहुत ज़रूरी है आज
जैसे ज़रूरी हैं बैंड वाले या
जैसे ज़रूरी हैं नाचने गाने बजाने वाले
अच्छे हैं ये पत्थर फेंकने वालों से
असामाजिक या समजबोधी या आतंकवादी
नहीं है ये
सर्वप्रिय और शांतिप्रिय हैं ये।
बहुत ज़रूरी है ताली
भजन के साथ
भोजन के बाद
उदघाटन के साथ
भाषण के बाद।

अगर ये न हों तो
कौन बजाएगा,तालियाँ

ये भी सही है
ताली एक हाथ से नहीं बजती
चाहिए इसके लिए दो-दो हाथ
दो दो हाथ होने के बाद ही
बजती हैं तालियाँ।