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शीघ्र ही शीतऋतु का पराभव / वाल्ट ह्विटमैन

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अब शीघ्र ही शीतऋतु का पराभव हो जाएगा;
शीघ्र ही ये बर्फ़ीली पट्टियाँ खुलेंगी और पिघल जाएंगी -
थोड़े ही समय में,
और हवा, मिटटी और लहर - मृदुता ,नवयौवन और वृद्धि से
भर जाएंगी, मिट्टी के इन निर्जीव ढेलों और शीत -
जड़िमा से हज़ार आकृतियाँ उसी तरह फूट निकलेंगी,
जिस तरह निचली कब्रिस्तानों में दफ़्न आकृतियाँ निकलती हैं।
 
तुम्हारी आँखें, कान -तुम्हारे सभी सर्वोत्तम गुण, धर्म -
वे सभी जो प्राकृतिक सुन्दरता का संज्ञान करते हैं,
जाग उठेंगे और परितृप्त हो जाएंगे। तुम सामान्य दृश्यों
को देखोगे, पृथ्वी के सूक्ष्म चमत्कारों को,
डैण्डेलियन कुसुमों, शतफल, मरकती घास,
प्रातःकालीन सुगंधों और फूलों को,
पैरों के नीचे के आब्युरटस, नम्रा की पीतहरित आभा ,
मंजरित आलूचा और चेरी को;
इन सब के साथ-साथ अपने-अपने गीत गाते
रोबिन, अगिनपंछी और कस्तूरी को- फुदकने वाले
नीलपंछी को;
क्योंकि यही हैं वे दृश्य जिनको वार्षिक नाटक
आगे बढ़ाता रहता है|


अंग्रेज़ी से अनुवाद : डॉ० दिनेश्वर प्रसाद