भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

वह नहीं कहती / अशोक वाजपेयी

Kavita Kosh से
अनूप.भार्गव (चर्चा) द्वारा परिवर्तित 11:14, 31 अक्टूबर 2006 का अवतरण

यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

कवि: अशोक वाजपेयी

~*~*~*~*~*~*~*~~*~*~*~*~*~*~*~

उसनें कहा

उसके पास एक छोटा सा ह्रदय है

जैसे धूप कहे

उसके पास थोड़ी सी रौशनी है

आग कहे

उसके पास थोड़ी सी गरमाहट---

धूप नहीं कहती उसके पास अंतरिक्ष है

आग नहीं कहती उसके पास लपटें

वह नहीं कहती उसके पास देह ।