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फिर किसी से दिल लगाया जाएगा / श्रद्धा जैन
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अब नया दीया जलाया जाएगा
फिर किसी से दिल लगाया जाएगा
चाँद गर साथी न मेरा बन सका
साथ सूरज का निभाया जाएगा
रस्म-ए-रुखसत को निभाने के लिए
फूल आँखों का चढ़ाया जाएगा
कर भला कितना भी दुनिया में मगर
मरने पे ही बुत बनाया जाएगा
आईना सूरत बदलने जब लगे
ख़ुद को फिर कैसे बचाया जाएगा
फिर क़रीने से सजा ने एलबम
उनको पहलू में बिठाया जाएगा