भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

फिर किसी से दिल लगाया जाएगा / श्रद्धा जैन

Kavita Kosh से
Shrddha (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:29, 24 सितम्बर 2009 का अवतरण

यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

अब नया दीया जलाया जाएगा
फिर किसी से दिल लगाया जाएगा

चाँद गर साथी न मेरा बन सका
साथ सूरज का निभाया जाएगा

रस्म-ए-रुखसत को निभाने के लिए
फूल आँखों का चढ़ाया जाएगा

कर भला कितना भी दुनिया में मगर
मरने पे ही बुत बनाया जाएगा

आईना सूरत बदलने जब लगे
ख़ुद को फिर कैसे बचाया जाएगा

फिर क़रीने से सजा ने एलबम
उनको पहलू में बिठाया जाएगा