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मेरा तन भूखा, मन भूखा / हरिवंशराय बच्चन
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मेरा तन भूखा, मन भूखा!
इच्छा, सब सत्यों का दर्शन,
सपने भी छोड़ गये लोचन!
मेरे अपलक युग नयनों में मेरा चंचल यौवन भूखा!
मेरा तन भूखा, मन भूखा!