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मैं पाषाणों का अधिकारी / हरिवंशराय बच्चन

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मैं पाषाणों का अधिकारी!

है अग्नि तपित मेरा चुंबन,
है वज्र-विनिंदक भुज-बंधन,
मेरी गोदी में कुम्हलाईं कितनी वल्लरियाँ सुकुमारी!
मैं पाषाणों का अधिकारी!