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विष का स्‍वाद बताना होगा / हरिवंशराय बच्चन

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विष का स्‍वाद बताना होगा!


ढाली थी मदिरा की प्‍याली,

चूसी थी अधरों की लाली,

कालकूट आने वाला अब, देख नहीं घबराना होगा!

विष का स्‍वाद बताना होगा!


आँखों से यदि अश्रु छनेगा,

कटुतर यह कटु पेय बनेगा,

ऐसे पी सकता है कोई, तुझको हँस पी जाना होगा!

विष का स्‍वाद बताना होगा!


गरल पान करके तू बैठा,

फेर पुतलियाँ, कर-पग ऐंठा,

यह कोई कर सकता, मुर्दे, तुझको अब उठ गाना होगा!

विष का स्‍वाद बताना होगा!