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मैं उदास रस्ता हूँ शाम का / बशीर बद्र
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मैं उदास रस्ता हूँ शाम का तिरी आहटों की तलाश है
ये सितारे सब हैं बुझे-बुझे मुझे जुगनुओं की तलाश है
वो जो दरिया था आग का सभी रास्तों से गुज़र गया
तुम्हें कब से रेत के शहर में नयी बारिशों की तलाश है
नए मौसमों की उड़ान को अभी इसकी कोई ख़बर नहीं
तिरे आसमाँ के जाल को नए पंछियों की तलाश है
मिरे दोस्तों ने सिखा दिया मुझे अपनी जान से खेलना
मिरी ज़िंदगी तुझे क्या ख़बर मुझे क़ातिलों की तलाश है
तिरी मेरी एक हैं मंजिलें, वो ही जुस्तजू, वो ही आरज़ू
तुझे दोस्तों की तलाश है मुझे दुश्मनों को तलाश है