सदस्य:Shrddha
सपनों की दुनिया में जीते-जीते उन्हीं को कब कागज़ पर लिखना शुरू कर दिया पता ही न चला, सपने जब धरातल से मिले और उनका रूप बदलता चला गया । और दुनिया से मिले अनुभव भी मेरी गज़लों का हिस्सा बन गए । धीरे-धीरे साहित्य में रूचि बढ़ती चली गयी, जितना पढ़ा, उतनी ही प्यास बढ़ी और ये सफ़र अब तक निरंतर चल रहा है शुरू-शुरू में मेरे पास किताबें न होने के कारण मैं अंतरजाल पर ही किसी शायर / कवि को पढ़ने की कोशिश करती मगर उपलब्ध सामग्री इतनी कम होती कि किसी भी शायर को पढ़े जाने का एहसास तक न होता, इसीलिए जब मेरे पास कुछ अच्छी किताबें आई तो मुझसे रुका न गया और आप सबके पढ़ने के लिए उन्हें यहाँ जोड़ना शुरू कर दिया । अगर कभी आपको ऐसा महसूस हो कि आपके पास भी ऐसा कोई खजाना है जो पाठक तक पहुँचाना चाहिए तो आप भी योगदान करके उसे हम सबके पढ़ने के लिए उपलब्ध करा सकते हैं कविताकोश में संकलित ग़ज़लें ... <ext>http://kavitakosh.org/shrddha</ext>
नाम=श्रद्धा जैन
उपनाम=श्रद्धा
जन्म=8 नवंबर 1977
जन्मस्थान=विदिशा मध्यप्रदेश
सम्पर्क=shrddha8@gmail.com
शिक्षा : Msc in Chemistry, Advance Diploma in office management.
संप्रति : हिंदी अध्यापिका, सिंगापुर
रुचियाँ : ग़ज़ल लिखना, पढ़ना और साहित्य से जुड़े लोगों से बातें करना
ब्लाग : <ext>http://bheegigazal.blogspot.com</ext>