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काम के छविधाम / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"

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काम के छवि-धाम,
शमन प्रशमन राम!

सिन्धुरा के सीस
सिन्दूर, जगदीश,
मानव सहित-कीश,
सीता-सती-नाम।

अरि-दल-दलन-कारि,
शंकर, समनुसारि
पद-युगल-तट-वारि
सरिता, सकल याम।

शेष के तल्प कल
शयन अवशेष-पल,
चयन-कलि-गन्ध-दल
विश्व के आराम।