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चेतावनी-१ / हरिवंशराय बच्चन
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जगो कि तुम हज़ार साल सो चुके,
जगो कि तुम हज़ार साल खो चुके,
जहान सब सजग-सचेत आज तो,
तुम्हीं रहो पड़े हुए न बेख़बर।
उठो चुनौतियाँ मिलीं, जबाब दो,
क़दीम कौम-नस्ल का हिसाब दो,
उठो स्वराज के लिए ख़िराज दो,
उठो स्वदेश के लिए कसो कमर।
बढ़ो ग़नीम सामने खड़ा हुआ,
बढ़ो निशान जंग का गड़ा हुआ,
सुयश मिला कभी नहीं पड़ा हुआ,
मिटो मगर लगे न दाग़ देश पर।