भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

तारे / अज्ञेय

Kavita Kosh से
Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:07, 3 नवम्बर 2009 का अवतरण

यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

तारे, तू तारा देख।
काश कि मैं तुझे देखूँ
तारों की हज़ारहा आँखों से।