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प्रधान की अभिलाषा / अरुण कमल
Kavita Kosh से
अपने प्रधान इतने जनतंत्री थे कि
जब भी फ़ोटो लिया जाता
वह अपना एक पैर आगे कर देते,
क्योंकि चेहरे के मुकाबले पैरों की निरन्तर
उपेक्षा रही है फ़ोटो की दुनिया में,
कहते--
मेरी अभिलाषा है कि प्रजा मुझे चेहरे से नहीं
चरणों से जाने।