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डायरी : मार्च'78 (हाथ) / अरुण कमल
Kavita Kosh से
सरकार का कहना है
कारखाने में गोली चली, उसमें
ट्रेड यूनियन का हाथ है,
मारे गए मुसहर, उसमें भी
किसान सभाओं का हाथ है,
विद्यार्थियों के हंगामों में
छात्र-संगठनों का हाथ है
और राज्य म्रं जो भी गड़बड़ी है
सब में कम्युनिस्टों का हाथ है ।
हुज़ूर ने ठीक फ़रमाया
इस दुनिया के पीछे भी ईश्वर का हाथ है !