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भारत / सोहनलाल द्विवेदी
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रचना संदर्भ | रचनाकार: | सोहनलाल द्विवेदी | |
पुस्तक: | प्रकाशक: | ||
वर्ष: | पृष्ठ संख्या: |
भारत तू है हमको प्यारा,
तू है सब देशों से न्यारा।
मुकुट हिमालय तेरा सुन्दर,
धोता तेरे चरण समुन्दर।
गंगा यमुना की हैं धारा,
जिनसे है पवित्र जग सारा।
अन्न फूल फल जल हैं प्यारे,
तुझमें रत्न जवाहर न्यारे!
राम कृष्ण से अन्तर्यामी,
तेरे सभी पुत्र हैं नामी।
हम सदैव तेरा गुण गायें,
सब विधि तेरा सुयश बढ़ायें।