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प्रतिध्वनि / आग्नेय
Kavita Kosh से
देखना
एक दिन
इस तरह चला जाऊंगा
ढूंढोगी तो दिखूंगा नहीं
लौटता रहा हूँ बार-बार
प्रतिध्वनि बनकर
तुम्हारे जीवन में
देखना
एक दिन
इस तरह चला जाऊंगा
लौट नहीं पाऊंगा
प्रतिध्वनि बनकर
तुम्हारे जीवन में।