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आँख भर / इब्बार रब्बी

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आँख भर देखा कहाँ!
जी भर पिया कहाँ!
घाटी को
धानी खेत
लहराती नदी
कि पुल से
गुज़र गई रेल


रचनाकाल : 22.11.1984