भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
गणपति बप्पा की जय बोलो / भजन
Kavita Kosh से
Pratishtha (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:36, 12 नवम्बर 2009 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKBhajan |रचनाकार= }} <poem>जय बोलो जय बोलो गणपति बप्पा की जय बोलो। सिद…)
जय बोलो जय बोलो
गणपति बप्पा की जय बोलो।
सिद्ध विनायक संकट हारी
विघ्नेश्वर शुभ मंगलकारी
सबके प्रिय सबके हितकारी
द्वार दया का खोलो
जय बोलो जय बोलो
पारवती के राज दुलारे
शिवजी की आंखों के तारे
गणपति बप्पा प्यारे प्यारे
द्वार दया का खोलो
जय बोलो जय बोलो।
शंकर पूत भवानी जाये
गणपति तुम सबके मन भाये
तुमने सबके कष्ट मिटाये
द्वार दया का खोलो
जय बोलो जयबोलो
जो भी द्वार तुम्हारे आता
खाली हाथ कभी ना जाता
तू है सबका भाग्य विधाता
द्वार दया का खोलो
जय बोलो जय बोलो
गणपति बप्पा की जय बोलो