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बचा लूंगी उसे / जया जादवानी
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एकदम भभक कर बुझने से पहले
मैं बचा लूंगी उसे
हाथों की ओट
ऐसे कैसे जाएगा प्रेम
मेरी असमाप्त कविता छोड़कर...।