भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
दिन / जया जादवानी
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 02:19, 19 नवम्बर 2009 का अवतरण ("दिन / जया जादवानी" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (indefinite) [move=sysop] (indefinite)))
कभी कुछ बनता है
कभी छितर जाती है
स्याही पूरे पन्ने पर
कभी शब्द एक बेसहारा
झूलता हवा में
कभी टेढ़ी लाईन अधखिंची-सी
घिसटती जाती है दूर तक
ऐसे गुज़रता है
एक-एक दिन...।