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कुछ और टुकड़े / केदारनाथ सिंह
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1.
अकेली चुप्पी
भयानक चीज़ है
जैसे हवा में गैंडे का
अकेला सींग
पर यदि दो लोग चुप हों
पास-पास बैठे हुए
तो उतनी देर
भाषा के गर्भ में
चुपचाप बनती रहती है
एक और भाषा।
2.
बरसों तक साथ-साथ
रहने के बाद
जब वे विधिवत अलग हुए
तो सारे फ़ैसले में
यह छोटी-सी बात कहीं नहीं थी
कि जहाँ वे लौटकर जाना चाहते हैं
वह अपना अकेलापन
वे परस्पर गँवा चुके हैं
बरसों पहले।
3.
जन्म-मृत्यु सूचना के
उस नए दफ़्तर में
पहले तय हुआ
जन्म का रजिस्टर अलग हो
मृत्यु का अलग
फिर पाया गया
यह अलगाव बिल्कुल बेमानी है।