भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
तम्सील / फ़राज़
Kavita Kosh से
द्विजेन्द्र द्विज (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:43, 1 दिसम्बर 2009 का अवतरण
तम्सील<ref>उपमा,simile</ref>
कितनी सदियों<ref>शताब्दियों</ref>के इंतज़ार<ref>प्रतीक्षा</ref>के बाद
क़ुर्बते-यक-नफ़स<ref>घनिष्टता</ref>नसीब<ref>भाग्य से मिली</ref>हुई
फिर भी तू चुप उदास कम-आमेज़<ref>मिलने जुलने से कतराने वाला , of reservad nature</ref>
ऐ सुलगते हुए चराग़ भड़क
दर्द की रौशनी को चाँद बना
कि अभी आँधियों का शोर है तेज़
एक पल मर्गे-जावेदाँ<ref>अमर, हमेशा क़ायम रहने वाली मृत्यु</ref>का सिला<ref>फल, बदला</ref>
अजनबीयत<ref>अनजानापन</ref> के ज़ह्र में मत घोल
मुझको मत देख लेकिन आँख तो खोल
शब्दार्थ
<references/>