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ख़ुशबू का सफ़र / फ़राज़

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ख़ुशबू का सफ़र<ref>सुगंध की यात्रा</ref>

छोड़ पैमाने-वफ़ा<ref>वफ़ादारी का संकल्प </ref>की बात शर्मिंदा <ref>लज्जित </ref>न कर
दूरियाँ ,मजबूरियाँ<ref> विवशताएँ</ref>,रुस्वाइयाँ<ref>बदनामियाँ </ref>, तन्हाइयाँ<ref>अकेलापन </ref>
कोई क़ातिल ,<ref>वधिक </ref>कोई बिस्मिल, <ref>घायल </ref>सिसकियाँ, शहनाइयाँ
देख ये हँसता हुआ मौसिम है मौज़ू-ए-नज़र<ref>चर्चा का विषय </ref>

वक़्त की रौ में अभी साहिल<ref>किनारा,तट </ref>अभी मौजे-फ़ना<ref>मृत्यु-लहर </ref>
एक झोंका एक आँधी,इक किरन , इक जू-ए-ख़ूँ<ref> ख़ून की नदी</ref>
फिर वही सहरा का सन्नाटा, वही मर्गे-जुनूँ<ref>दीवानेपन की मृत्यु </ref>
हाथ हाथों का असासा<ref> पूँजी</ref>,हाथ हाथों से जुदा<ref>अलग </ref>


जब कभी आएगा हमपर भी जुदाई का समाँ
टूट जाएगा मिरे दिल में किसी ख़्वाहिश<ref>कामना </ref>का तीर
भीग जाएगी तिरी आँखों में काजल की लकीर
कल के अंदेशों<ref>पूर्वानुमान </ref>से अपने दिल को आज़ुर्दा <ref> पीड़ित </ref>न कर
देख ये हँसता हुआ मौसिम, ये ख़ुशबू का सफ़र

शब्दार्थ
<references/>