भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

नैना दीवाने एक नहीं माने / नरेन्द्र शर्मा

Kavita Kosh से
Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:17, 8 दिसम्बर 2009 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

हुए है पराये मन हार आये
मन का मरम जाने ना माने ना माने ना नैना दीवाने

जाना ना जाना मन ही ना जाना
चितवन का मन बनता निशाना
कैसा निशाना कैसा निशाना ,
मन ही पहचाने ना, माने ना माने ना नैना दीवाने

जीवन बेली करे अठखेली महके मन के बकुल
प्रीति फूल फूले झूला झूले, चहके बन बुलबुल,
महके मन के बकुल
मन क्या जाने, क्या होगा कल धार समय की बहती पलपल,
जीवन चँचल जीवन चँचल, दिन जाके फिर आने ना
माने ना माने ना नैना दीवाने