भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
आख़िरी तस्वीर / शलभ श्रीराम सिंह
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 01:42, 14 दिसम्बर 2009 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शलभ श्रीराम सिंह }} {{KKCatKavita}} <poem> मरते हुए जानवर की आ…)
मरते हुए जानवर की आँख में
आख़िरी तस्वीर है जंगल की
मरती हुई चिड़िया की आँख में
तिनके की है आख़िरी तस्वीर
मरती हुई लडकी की आँख में
आख़िरी तस्वीर है प्यार की
मरती हुई औरत की आँख में
घर की है आख़िरी तस्वीर
मरते हुए आदमी की आँख में
आख़िरी तस्वीर पत्थर की है
कवि की आँख में आख़िरी तस्वीर
दुनिया की है
रचनाकाल : 1992, विदिशा
शलभ श्रीराम सिंह की यह रचना उनकी निजी डायरी से कविता कोश को चित्रकार और हिन्दी के कवि कुँअर रविन्द्र के सहयोग से प्राप्त हुई। शलभ जी मृत्यु से पहले अपनी डायरियाँ और रचनाएँ उन्हें सौंप गए थे।