Last modified on 27 दिसम्बर 2009, at 12:42

उनींदे की लोरी (कविता) / गिरधर राठी

Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:42, 27 दिसम्बर 2009 का अवतरण (उनींदे की लोरी. / गिरधर राठी का नाम बदलकर उनींदे की लोरी (कविता) / गिरधर राठी कर दिया गया है)

साँप सुनें अपनी फुफकार और सो जाएँ
चींटियाँ बसा लें घर-बार और सो जाएँ
गुरखे कर जाएँ ख़बरदार और सो जाएँ