भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

मुक्ति / अमेलिया हाउस

Kavita Kosh से
Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:32, 1 जनवरी 2010 का अवतरण (मुक्ति/ अमेलिया हाउस का नाम बदलकर मुक्ति / अमेलिया हाउस कर दिया गया है)

यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज


सहो
मेरी जन्मभूमि
सहो
ज़ोर लगाओ
तुमने गहा है इस बीज को
उसके पूरे समय तक
सहो
और ज़ोर लगाओ
केवल तुम ही दे सकती हो जन्म
हमारी आज़ादी को
केवल तुम ही महसूस कर सकती हो
इस पूरे भार को
सहो
हम तुम्हारे साथ रहेंगे
तुम्हें पीड़ा से मुक्ति दिलानी ही होगी
सहो
सहो
और ज़ोर लगाओ!

अंग्रेज़ी से अनुवाद : हेमन्त जोशी