भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

ओस में भीगी हुई / धर्मवीर भारती

Kavita Kosh से
Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:07, 1 जनवरी 2010 का अवतरण (ओस में भीगी हुई (मुक्तक) / धर्मवीर भारती का नाम बदलकर ओस में भीगी हुई / धर्मवीर भारती कर दिया गया है)

यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

ओस में भीगी हुई अमराईयों को चूमता
झूमता आता मलय का एक झोंका सर्द
काँपती-मन की मुँदी मासूम कलियाँ काँपतीं
और ख़ुशबू सा बिखर जाता हृदय का दर्द!