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तजवीज़ / शीन काफ़ निज़ाम
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शराफ़तों के सिरोपा
उतार कर फेंकें
चलें
सड़क प' ज़रा घूमें
फिकरे चुस्त करें
किसी को बेवजह छेड़ें
हंसी उड़ायें
बुलाएँ
बुला के प्यार करें
सताएं
रास्ते चलते किसी मुसाफ़िर को
ग़लत पता दें
सड़क के बीच चलें
गत्ते का डिब्बा पा के इतरायें
लगायें ठोकरें
फुटबॉल मान कर उस को
लगे किसी के जो जा वो तो
इधर-उधर झाँकें
अनजान बनें
सुनें न हार्न कोई
और मरते-मरते बचें कि
बचते-बचते हुए मरते उम्र बीत गई