भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

ढोलर बाज्यो रे, बाज्यो रे / राजस्थानी

Kavita Kosh से
पूजा जैन (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 02:01, 21 जनवरी 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKLokRachna |रचनाकार=अज्ञात }} {{KKLokGeetBhaashaSoochi |भाषा=राजस्थानी }} <poem> ढोलर बाज…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

ढोलर बाज्यो रे, बाज्यो रे
सईयों आई सावण तीज सुहावणी,
नान्ही-नान्ही बूँद पड़े छे
म्हारो लहरयो भीज्यो रे
सईयों आई सावण तीज सुहावणी,
ढोलर बाज्यो रे, बाज्यो रे
सईयों आई सावण तीज सुहावणी
कदम्बा की डाल पे
ढोलर घाल्यो, हीदड चाल्यो
हरिया बन की कोयल बोले
लागे चोखो भलो रे
सईयों आई सावण तीज सुहावणी,
ढोलर बाज्यो रे, बाज्यो रे
सईयों आई सावण तीज सुहावणी
आपस में हिलमिल झूला-
झोंटा दे द्यो रे
सईयों आई सावण तीज सुहावणी,
ढोलर बाज्यो रे, बाज्यो रे
सईयों आई सावण तीज सुहावणी