Last modified on 29 जनवरी 2010, at 21:19

पिता-1 / भास्कर चौधुरी

मुझे भेजते रहे
और
स्वयं खाली होते रहे

पिता आज भी खाली हैं

आज जब मैं
भरा हुआ हूँ