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सप्ताह की कविता | शीर्षक: बलि-बलि जाऊँ रचनाकार: श्रीधर पाठक |
1. भारत पै सैयाँ मैं बलि-बलि जाऊँ बलि-बलि जाऊँ हियरा लगाऊँ हरवा बनाऊँ घरवा सजाऊँ मेरे जियरवा का, तन का, जिगरवा का मन का, मँदिरवा का प्यारा बसैया मैं बलि-बलि जाऊँ भारत पै सैयाँ मैं बलि-बलि जाऊँ 2. भोली-भोली बतियाँ, साँवली सुरतिया काली-काली ज़ुल्फ़ोंवाली मोहनी मुरतिया मेरे नगरवा का, मेरे डगरवा का मेरे अँगनवा का, क्वारा कन्हैया मैं बलि-बलि जाऊँ भारत पै सैयाँ मैं बलि-बलि जाऊँ