जय जय राजस्थान / राजस्थानी
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goraM dhoMरा री धरती रो
पिचरंग पाडा री धरती रो , पीतल पातल री धरती रो, मीरा करमा री धरती रो
कित्रो कित्रो रे करा म्हें वखाण, कण कण सूं गूंजे, जय जय राजस्थान ...
dar kuMcaa भई dar maMjalaa
dar kuMcaa भई dar maMjalaa
dar maMjalaa भई dar maMjalaa
कोटा बूंदी भलो भरतपुर अलवर अर अजमेर
पुष्कर तीरथ बड़ो की जिणरी महिमा चारूं मेर
दे अजमेर शरीफ औलिया नित सत्रों फरमान
रे कित्रो कित्रो रे करा म्हें वखाण, कण कण सूं गूंजे, जय जय राजस्थान....
dar kuMcaa भई dar maMjalaa
dar kuMcaa भई dar maMjalaa
dar maMjalaa भई dar maMjalaa
दसो दिसावा में गूंजे रे मीरा रो गुण गान
हल्दीघाटी अर प्रताप रे तप पर जग कुरबान
चेतक अर चित्तोड़ पे सारे जग ने है अभिमान
कित्रो कित्रो रे करा म्हें वखाण, कण कण सूं गूंजे, जय जय राजस्थान
dar kuMcaa भई dar maMjalaa
dar kuMcaa भई dar maMjalaa
dar maMjalaa भई dar maMjalaa
उदियापूर में एकलिंगजी गणपति रंथमभोर
जैपूर में आमेर भवानी जोधाणे मंडोर
बिकाणे में करणी माता राठोडा री शान
कित्रो कित्रो रे करा म्हें वखान कण कण सून गूंजे जय जय राजस्थान
dar kuMcaa भई dar maMjalaa
dar kuMcaa भई dar maMjalaa
dar maMjalaa भई dar maMjalaa
आबू छत्तर तो सीमा रो रक्षक जैसलमेर
किर्ने गढ़ रा परkoटा है बांका घेर घूमेर
घर घर गूंजे मेड़तणी मीरा रा मीठा गान
कित्रो कित्रो रे करा म्हें वखाण, कण कण सूं गूंजे, जय जय राजस्थान
dar kuMcaaभई dar maMjalaa
dar kuMcaa भई dar maMjalaa
dar maMjalaa भई dar maMjalaa
रानी सती री शेखावाटी जंगल मंगल करणी
खाटू वाले श्याम धणी री महिमा जाए न बरणी
करणी बरणी रोज चलावे बायेड़ री संतान
कित्रो कित्रो रे करा म्हें वखाण, कण कण सूं गूंजे, जय जय राजस्थान
dar kuMcaa भई dar maMjalaa
dar kuMcaa भई dar maMjalaa
dar maMjalaa भई dar maMjalaa
गोगा बाबु, तेजो दादू , झाम्बोजी री वाणी
रामदेव की परचारी लीला किण सूं अनजानी
जैमल पता भामाशा री आ धरती है खान
कित्रो कित्रो रे करा म्हें वखाण, कण कण सूं गूंजे, जय जय राजस्थान
dar kuMcaa भई dar maMjalaa
dar kuMcaa भई dar maMjalaa
dar maMjalaa भई dar maMjalaa