भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

एक जीवन के लिए / मंगलेश डबराल

Kavita Kosh से
Pratishtha (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:46, 3 फ़रवरी 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मंगलेश डबराल |संग्रह=घर का रास्ता / मंगलेश डबराल…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

शायद वहाँ थोड़ी सी नमी थी
या हल्का सा कोई रंग
शायद सिरहन या उम्मीद

शायद वहाँ एक आंसू था
या एक चुम्बन
याद रखने के लिए
शायद वहाँ बर्फ़ थी
या छोटा सा एक हाथ
या सिर्फ़ छूने की कोशिश

शायद अंधेरा था
या एक ख़ाली मैदान
या खड़े होने भर की जगह
शायद वहाँ एक आदमी था
अपने ही तरीके से लड़ता हुआ.

१९८६