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शब्द-शब्द अनमोल परिंदे / रवीन्द्र प्रभात
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शब्द-शब्द अनमोल परिंदे,
सुन्दर बोली बोल परिंदे !
जीवन -जीवन भूलभुलैया -
दुनिया गोलम- गोल परिंदे !
छोटा मुँह मत बात बड़ी कर -
खुल जायेगी पोल परिंदे !
शीशे के घर में रहकर ना -
पत्थर -पत्थर तोल परिंदे !
बन्दर के हाथों में मत दे -
झाल -मजीरा -ढोल परिंदे !
कुछ मन की मर्यादा रख ले -
आंखों को मत घोल परिंदे !
कुछ "प्रभात " के जैसा रच दे -
अंतर -पट अब खोल परिंदे !