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ढोल चन वे, लखाँ तेरियां मन्नियाँ / पंजाबी

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

ढोल चन वे,
लखाँ तेरियाँ मन्नियाँ,
तू इक मन वे,
ढोल मखणा,
दिल पर्देसियाँ दा,
राजी रखना।

उची माड़ी ते दुध पई रिडकाँ,
मेनू सारे टब्बर दियां झिडकाँ,
मेनू तेरा इ दिलासा,
वे चन्न वे...

वे बाजार विकेंदी बर्फी,
मेनू ल्यादे दे निक्की जहि चरखी,
ते दुक्खा दियाँ पूनियाँ,
वे चन्न वे...

वे बाजार विके दुध कडया,
माह़ी कंजरी दे नालों फडया,
हाय एथों दिल सडया,
वे चन्न वे।